Thursday, December 15, 2022

केंद्रीय मंत्री ने महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी

लुधियाना, 15 दिसंबर, 2022: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने कहा है कि केंद्र सरकार ने महिलाओं के

खिलाफ साइबर अपराधों से निपटने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों को पूरा करने के लिए कई उपाय किए हैं। वह बुधवार को राज्यसभा में सांसद (राज्यसभा) संजीव अरोड़ा द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। अरोड़ा ने मंत्री से दुर्व्यवहार, अभद्रता, पीछा करने, चोरी आदि की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध में बढ़ती प्रवृत्ति को संबोधित करने की रणनीति के बारे में पूछा था। अरोड़ा ने गुरुवार को यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि मंत्री ने सदन में जानकारी दी कि गृह मंत्रालय ने देश में सभी प्रकार के साइबर अपराध से समन्वित और व्यापक तरीके से निपटने के लिए इकोसिस्टम प्रदान करने के लिए 'इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C)' की स्थापना की है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गृह मंत्रालय ने 'महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम (सी.सी.पी.डब्ल्यू.सी.)' योजना के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी क्षमता निर्माण जैसे साइबर फोरेंसिक व ट्रेनिंग लैबोरेट्रीज की स्थापना, जूनियर साइबर कंसल्टेंट्स की भर्ती और लॉ इंफोर्सिंग एजेंसियों (एलईएज़) के कर्मियों, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर्स और जुडिशल अफसरों को प्रशिक्षण देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है। अब तक 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर फोरेंसिक व ट्रेनिंग लैबोरेट्रीज चालू की जा चुकी हैं। अरोड़ा ने कहा कि मंत्री ने आगे कहा कि लॉ एनफोर्समेंट एजेंसीज कर्मियों, प्रॉसिक्यूटर्स और जुडिशल अफसरों के लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार किया गया है ताकि वे बेहतर ढंग से इन्वेस्टीगेशन और प्रॉसिक्यूशन हैंडल कर सकें।  राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए अनिवार्य किया गया है। अब तक, 20,000 से अधिक  लॉ एनफोर्समेंट एजेंसीज कर्मियों,  प्रॉसिक्यूटर्स और जुडिशल अफसरों को साइबर अपराध जागरूकता, जांच, फोरेंसिक आदि पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन साइबर शिकायतों को दर्ज करने में सहायता प्राप्त करने के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर '1930' चालू किया गया है। अरोड़ा ने कहा कि मंत्री ने आगे बताया कि मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (एमओओसी) प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है, जो सर्टिफिकेशन के साथ साइबर अपराध जांच, फोरेंसिक, अभियोजन आदि के महत्वपूर्ण पहलुओं पर ऑनलाइन पाठ्यक्रम के माध्यम से पुलिस अधिकारियों/न्यायिक अधिकारियों की क्षमता निर्माण में मदद करता है। अब तक, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 27,900 से अधिक पुलिस अफसरों को रजिस्टर किया जा चुका है और 7,300 से अधिक सर्टिफिकेट्स जारी किए गए हैं। अरोड़ा ने कहा कि मंत्री ने सदन को यह
भी बताया कि साइबर अपराध पर जागरूकता फैलाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं जिनमें अलर्ट/परामर्श जारी करना, संदेशों का प्रसार करना आदि शामिल हैं। इस बीच अरोड़ा ने पंजाब के लोगों खासकर महिलाओं को साइबर क्राइम को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस का साइबर क्राइम सेल सराहनीय काम कर रहा है, जो इस तथ्य से स्पष्ट है कि इस सेल ने प्रथम पुरस्कार जीता है और यह पुरस्कार नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा इस वर्ष 31 अगस्त को नई दिल्ली में आयोजित स्टेट साइबर नोडल ऑफिसर्स के राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रदान किया गया था।

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