Monday, July 16, 2018

मजारा कला गांव की रेत खड़ में लुधियाना के चार सांसद व दो पार्षद शामिल, वही जालंधर के चार सांसद भी इस रेत खड़ में भागीदार ( Exclusive)

आज हम दिखाते हैं की हमारी ख़बर कभी सरकारों को या नेताओं को खुश करने के लिए नहीं होती हमारा उदेश्य केवल जनता के विषय में सोचने हैं और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए हम सदैव ततपर रहते है आज की हमारी ये ख़बर देख कर आप समझ जाएंगे की हम किस और आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं  
आज हम आपको बीते सप्ताह हमारे चैनल पर प्रसारित न्यूज़ के फॉलोअप में दिखाने जारहे हैं की किस प्रकार, जिला लुधियाना के अधीन आते गांव मजारा कला में सरकार द्वारा प्रवानित रेत की खड़ ठेकेदार द्वारा सरकारी सभी नियमों को ताक पर रख कर पिछले कई महीनों से दिन रात चलाई जारही है और जिसकी निकासी जालंधर ज़िले से होती हैं हमनें ये भी बताया था की इस रेत खड़ में कांग्रेस के कुछ बड़े नेता और माइनिंग विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ये खड़ किस प्रकार दिन रात चल रही है हमनें ये भी दिखाया था की किस प्रकार इस खड़ का ठेकेदार इस बांध को नुकसान पंहुचा रहा हैं हमनें ये भी बताया था की किस प्रकार इस खड़ के आसपास के कुछ गांव के पंचायत मेंबर इस खड़ ठेकेदार से मिले हुए है और इनसे गांव वालों की जान के बदले चंद रूपए लेकर उनकी जानों से खेल रहे हैं 
ये है रेत की वो खड़ जो आजकल सरकारी नियमों को तक पर रखकर चलने के कारण विवादों में हैं हमारे चैनल को सूत्रों से प्रपात जानकारी व तथ्यों के अनुसार इस खड़ में लुधियाना के चार संसद व दो पार्षद शामिल है और वही दूसरी तरफ जालंधर के भी चार सांसद इस रेत खड़ में भागीदार हैं इस खड़ के कारोबार का हिसाब किताब रखने के लिए इन सभी सांसदों ने अपना एक एक करिंदा रखा हुआ हैं अगर आप इन नेताओं के नाम सुनेंगे तो आप सोचने पर मजबूर हो जायेगे की ये वो ईमानदार सफेदपोश सांसद हैं जिन्हें हमनें अपने कीमती वोट डालकर जनता की समस्यों को हल करने के लिए चुना हैं ऐसे सफेदपोश नेता लोकतंत्र के लिए खतरनाक हैं हमारे चैनल के पास इन नेताओं के सभी रखे करिंदो की भी सूचि उपलब्ध हैं जो हमारे अगले फॉलोअप में जारी की जाएगी कुछ दिन पहले हमारी टीम द्वारा बांध का निरिक्षण किया तो देखा की बांध कई जगह से ख़राब है और सारे बांध पर गहरे गढ़े पड़े हैं। जब हमारी टीम ने इस बांध के विषय में नहरी विभाग के अधिकारिओं से फोन पर बांध की खस्ता हालत के बारे में और बाड़ की सिथिति से निपटने की तयारिओं के बारे में पूछा तो वे हमारे फोन का उतर देने से भागते नज़र आये हम आपको ये भी बताते चले की ये गांव सालों पहले भी बाड़ की मार झेल चुके हैं और उस समय भी इन गावों का काफी नुकसान हुआ था परन्तु सरकार ने उससे सिख नहीं ली अब ये देखिये की इस बांध पर दो घंटे की बारिश के बाद इस बांध पर पड़े दो दो तीन तीन फुट गहरे गढ़ो में पानी भरा हुआ है जो बांध को कमजोर कर रहा हैं और जगह जगह इस बांध पर दरारे पड़ी हुई हैं जो गांव वालों को चिंचित कर रही हैं वही दूसरी और पहाड़ी इलाकों में निरंतर हो रही बारिश के कारण दरिया का जल स्तर प्रीतिदिन बढ़ता जारहा हैं और उस बढ़ते जल स्तर के कारण भी गांव वालों की चिन्ता बढ़ती जारही हैं ये सुनिए गांव वालों की जुबानी उनकी समस्या के बारे में  

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